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ज़िन्दगी क्या है? और कैसे जीएं

By Amit Kumar

Published on:

ज़िन्दगी क्या है: यह तो बस वक्त का एक कारवां है, जो किसी अनजान मंजिल तक पहुंचने के लिए निकल पड़ता है। वक्त के साथ मंजिलें बदलती रहती हैं।

ज़िन्दगी का सही अर्थ हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है, क्योंकि यह व्यक्ति के विचारों, मूल्यों और अनुभवों पर निर्भर करता है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अद्वितीय होता है और उनके अपने लक्ष्य, इच्छाएँ और प्राथमिकताएँ होती हैं।

जीवन का उद्देश्य हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है, क्योंकि हर व्यक्ति की अपने-अपने धर्म और मानवीय मूल्य होते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि जीवन का उद्देश्य सुख और शांति प्राप्त करना है, जबकि अन्य लोगों के लिए जीवन का उद्देश्य सफलता और मानव विकास प्राप्त करना है।

जीवन के लिए सबसे पहली चीज़ है ऑक्सीजन, पीने के लिए पानी और खाने के लिए खाना, पहनने के लिए कपड़े, परिवार के भरण-पोषण के लिए पर्याप्त पैसा।

 

जीवन में पहली सबसे अच्छी चीज़ है सत्य सुनना, समझना और बोलना और दूसरी चीज़ है सुंदर प्रकृति को देखना।

मानव जीवन में सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताएँ स्वास्थ्य, प्रेम, आशा और सामाजिक रिश्ते हैं।

 

 

और कैसे जीएं?

मेरे अनुसार जिंदगी को जीने के तरीके जो कुछ सहायक हो सकते है  may be:

 

  1. जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज है संयम और मन की शांति। क्योंकि अगर आपका दिमाग शांत है तो आप हर समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ पाएंगे। और जब आपमें धैर्य होगा तो आप किसी भी परिस्थिति में अपने रास्ते से नहीं भटकेंगे। संयम रखने से व्यक्ति बड़ी से बड़ी गलती करने से बच जाता है।
  2. सकारात्मकता (उम्मीद): जिंदगी में उम्मीद को साथ लेकर चलना बहुत जरूरी है। हर मुश्किल में भी कुछ अच्छा देखने की कोशिश करना और आसान से हार नहीं मानना।
  3. आभारी होना (शुक्र): अपने जीवन में मौजूद खुशियों और सुखों के लिए आभारी होना। छोटी-छोटी खुशियाँ देखना और उसके लिए आभारी होना।
  4. रिश्ते: रिश्तों को समझना और उनका सम्मान करना। परिवार और दोस्ती के महत्व को समझें, उन्हें समय दें और उनसे प्यार करें।
  5. स्वयं की देखभाल: अपने स्वास्थ्य और खुशी का ख्याल रखना। खाने-पीने की अच्छी आदतें बनाएं, नियमित व्यायाम करें और मानसिक शांति के लिए समय निकालें।
  6. सीखना (सीखना): जीवन भर सीखते रहें। ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करना, अनुभवों को क्रियान्वित करना और स्वयं को बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ना।
  7. उद्देश्य (मकसद): जीवन में एक उद्देश्य खोजना। अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत करें और अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहें।
  8. माइंडफुलनेस (ध्यान): दुनिया के महत्व को समझना और प्रत्येक क्षण को अनुभव करने का प्रयास करना। अपने को सचेतनता और ध्यान के माध्यम से शांति और स्थिरता प्रदान करें।
  9. योगदान: सामाजिक या सामुदायिक सेवा में योगदान देना। दूसरों की मदद करना और उनकी समस्याओं में उनका साथ देना।
  10. अनुकूलनशीलता (अभ्यास): जीवन में आने वाले परिवर्तनों और कठिनाइयों को स्वीकार करना और उनका सामना करना। हर परिस्थिति का साहस और करुणा के साथ सामना करना।
  11. आनंद: जीवन के हर पल का आनंद लेना। मज़ाक करने, पसंदीदा शौक पूरा करने और आनंद का अनुभव करने में समय व्यतीत करना

जिंदगी का लक्ष्य क्या होना चाहिए 

मानव जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य इच्छाओं, आकांक्षाओं एवं आसक्ति से मुक्त होकर आत्मज्ञान प्राप्त करना, स्वयं को जानना, अपने कर्तव्यों को पहचानना, द्वंद्वों से मुक्त होकर आत्मस्थित रहकर नि:स्वार्थ कर्म करते हुए सुखी जीवन जीना है।

  1. खुशहाली और संतोष: अपने जीवन में खुशहाली और संतोष को प्राप्त करना। यह आत्म-सम्मान, आनंद और शांति की एक स्थिति को अर्जित करने का प्रयास होता है।
  2. सेवा और योगदान: समाज के लिए कुछ करना और योगदान देना। दूसरों की मदद करना, उनकी समस्याओं में साथ देना और समृद्धि की दिशा में अपना हिस्सा देना।
  3. स्वयं विकास: आत्म-समर्पण, स्वास्थ्य, और ज्ञान के माध्यम से अपने आप को समृद्ध करना। अपने क्षमताओं और कार्य क्षेत्र में विकास करना।
  4. प्रेम और सम्मान: प्रेम और सम्मान की भावना से भरा जीवन जीना। परिवार और समाज में अच्छी संबंध बनाए रखना और अपने चारों ओर के लोगों का सम्मान करना।
  5. सपने पूरे करना: अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करना और अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना।

इन महान लक्ष्यों का प्राप्त करने के माध्यम से, व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक और उत्तम बना सकता है


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