प्लास्टिक मल्चिंग योजना फॉर्म 2024: बागवानी फसलों में खरपतवार नियंत्रण, पानी के कुशल उपयोग और फसल उपज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उपयोगी।
प्लास्टिक मल्च एक ऐसा उत्पाद है जिसका उपयोग संस्कृति में प्लास्टिक मल्च की तरह ही किया जाता है। जिसका उपयोग फसल उत्पादन और भूनिर्माण में खरपतवारों को दबाने और पानी के संरक्षण के लिए किया जाता है।
क्यारी में फसलों की दूरी के अनुसार आवश्यक दूरी पर छेद करके गीली घास सामग्री फैला देनी चाहिए। बीजों/पौधों को गड्ढों में बोना/रोपना चाहिए।
सब्जियों जैसी छोटी अवधि की फसलों के लिए बहुत पतली फिल्मों का उपयोग किया जाता है। बीज सीधे गीली घास की फिल्म पर बने छिद्रों के माध्यम से बोए जाते हैं।
कृषि में मल्चिंग का महत्वपूर्ण उद्देश्य नमी संरक्षण, तापमान नियंत्रण, सतह संघनन की रोकथाम, अपवाह और कटाव में कमी, मिट्टी की संरचना में सुधार और खरपतवार नियंत्रण हैं।
प्लास्टिक मल्चिंग योजना के लिए अनुदान
अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए निर्धारित इकाई लागत अथवा विभाग द्वारा इस हेतु अनुमोदित फर्मों द्वारा प्रस्तुत दरों, जो भी कम हो, पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
लघु/सीमांत कृषकों के लिए निर्धारित इकाई लागत अथवा विभाग द्वारा इस प्रयोजन हेतु अनुमोदित फर्मों द्वारा प्रस्तुत दरों, जो भी कम हो, पर अधिकतम 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
प्लास्टिक मल्चिंग योजना के लिए पात्रता
आवेदक के पास कृषि भूमि का स्वामित्व और सिंचाई स्रोत होना चाहिए।
आवेदन
- ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
- आवश्यक दस्तावेज, आधार कार्ड/जन आधार कार्ड, जमाबंदी की प्रतिलिपि (छह महीने से अधिक पुरानी नहीं), अनुमोदित फर्म से कोटेशन।
प्लास्टिक मल्चिंग योजना फॉर्म के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- प्लास्टिक मल्चिंग का निर्माण उद्यानिकी विभाग द्वारा जारी प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही किया जा सकेगा।
- निर्माण के बाद सत्यापन गठित समिति द्वारा किया जा सकेगा।
- अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा।
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