सेना की अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की संभावना, जानें क्या हो सकते हैं बदलाव: विपक्ष के तीखे तेवरों के बीच सरकार ने अग्निवीर योजना में बदलाव करने की कवायद भी शुरू कर दी है। सरकार ने एक समीक्षा समूह बनाया है, जो अग्निपथ योजना की कमियों और सुधारों पर प्रेजेंटेशन देगा। सरकार इन सुझावों पर अमल करने की कोशिश करेगी, ताकि युवाओं और विपक्ष की नाराजगी दूर हो सके।
अग्निपथ योजना में सरकार क्या बड़े बदलाव कर सकती है?
- अग्निवीर सेना भर्ती के लिए वर्तमान में आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष है। इसे बढ़ाकर 17.5 से 23 वर्ष किया जा सकता है।
- अग्निवीर सैनिकों के 4 वर्ष पूरे करने के बाद नियमित सेवा में शामिल होने का प्रतिशत 25% से बढ़ाकर 70% किया जा सकता है।
- सरकार अग्निवीरों की सेवा अवधि 4 से बढ़ाकर 7 वर्ष कर सकती है। अग्निवीरों के वेतन और एकमुश्त राशि में भी वृद्धि की संभावना है।
- प्रशिक्षण अवधि 24 सप्ताह से बढ़ाकर 35 से 50 सप्ताह के बीच की जा सकती है। प्रशिक्षण के दौरान विकलांगता के लिए अनुग्रह राशि भी दी जा सकती है।
PM किसान सम्मान निधि योजना 17वी किस्त जारी लिंक से करे अपना नाम चेक करें
अगर कोई अग्निवीर सैनिक युद्ध में शहीद हो जाता है, तो उसके परिवार को गुजारा भत्ता दिया जा सकता है।
- सरकार अग्निवीरों को भूतपूर्व सैनिक का दर्जा भी दे सकती है।
- अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि समाप्त होने के बाद भविष्य में नौकरी खोजने में मदद करने के लिए एक पेशेवर एजेंसी बनाई जा सकती है।
अग्निपथ योजना के लिए सरकार ने 10 सचिवों की समीक्षा समिति बनाई
सूत्रों के अनुसार, हाल के नतीजों की समीक्षा के बाद सरकार को पता चला है कि अग्निपथ योजना भी भाजपा और एनडीए को कम सीटें मिलने के लिए जिम्मेदार है।
अग्निपथ योजना को लेकर लोगों, खासकर युवाओं में गुस्सा है। हिंदी पट्टी के बेरोजगार युवाओं के बीच यह योजना चुनावी मुद्दा रही है। यहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
नई सरकार बनते ही इस योजना को बेहतर बनाने की कवायद शुरू हो गई।
पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों का एक समूह बनाया है।
यह समूह अग्निपथ योजना की समीक्षा करेगा।
Haryana BPL Ration Card: हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों के खातों में भेज रही है पैसा, आवेदन करें
यह सरकार को यह भी बताएगा कि सशस्त्र बलों में भर्ती कार्यक्रम को कैसे आकर्षक बनाया जाए।
यह पैनल अग्निपथ योजना की कमियों और सुधारों के लिए सुझाव भी देगा।
माना जा रहा है कि सिफारिशों की जांच के बाद सरकार उन्हें तुरंत लागू कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली गए हैं।
सचिव समूह की रिपोर्ट उनके लौटने के दो से तीन दिन के भीतर प्रधानमंत्री और संबंधित मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद सरकार इस योजना में सुधार को लेकर गंभीर है।
यही कारण है कि इसमें सुधार के लिए जो भी सुझाव आएंगे, उन्हें अगले 100 दिनों के भीतर लागू किया जा सकता है।