Agniveer Vacancy New Rule 2024:अब, अग्निवीर भर्ती के लिए एक और परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा के तहत सबसे पहले अग्निवीर के तहत यह नियम लागू होगा, और उसके बाद धीरे-धीरे सभी भर्तियों में लागू किया जाएगा।
सेवा में भर्ती होने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए एक जरूरी सूचना है कि इस बार अग्निवीर भर्ती में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक और परीक्षा देनी पड़ेगी। इसके लिए तीन पैरामीटर पर जवानों की जांच होगी, जिसका मतलब है कि परीक्षा सबसे पहले अग्निवीर के तहत होगी, और इसके बाद धीरे-धीरे अन्य भर्तियों पर भी लागू की जाएगी।
मानसिक जांच परीक्षा
मानसिक जांच परीक्षा के बारे में सूचना है कि सेवा में भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को इस साल से मानसिक जांच परीक्षा के लिए उत्तीर्ण होना होगा। इस परीक्षा में तीन पैरामीटर्स निर्धारित किए गए हैं: पहला, खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए; दूसरा, दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाली प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए; और तीसरा, सामाजिक रूप से उसकी प्रवृत्ति नकारात्मक नहीं होनी चाहिए।
इन तीन पैरामीटर्स पर उत्तीर्ण होने के बाद ही उम्मीदवार को सैनिक बनने का मौका मिलेगा, अन्यथा उसे इस रैंक से बाहर रखा जाएगा। यह प्रावधान अग्निवीरों से शुरू होगा और धीरे-धीरे अन्य भर्तियों पर भी लागू किया जाएगा। सेवा के सूत्रों के अनुसार, यह कदम सेवा में आत्महत्या या सहयोगियों के बढ़ते हमलों को देखते हुए समाज विरोधिकारी में लिप्त होने के बीच की एक प्रयासशील पहल का हिस्सा है।
इस साल के दौरान, अग्निवीर की भर्ती में मानसिक स्वास्थ्य जांच परीक्षा को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है, और इसे सम्पूर्णतः लागू किया जाएगा। इस परीक्षा को सेवा में अग्निवीरों के साथ-साथ मिलिट्री पुलिस के भर्ती होने वाले जवानों के लिए भी लागू किया जाएगा।
मेडिकल के दौरान यह परीक्षा
मेडिकल के दौरान यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। सेनानी के मानसिक जांच के लिए एक मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें हमने ऊपर तीन पैरामीटर्स बताए हैं जो मेडिकल जांच के दौरान ही आयोजित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में प्रतिवर्ष 100 से 140 जवान आत्महत्या करते हैं, और तीनों सेनानियों को मिले तो करीब 800 जवानों ने 2017 से 2022 के दौरान आत्महत्या की है। हालांकि, इसमें कुछ मामले गलती से गोली चलने के कारण भी हो सकते हैं।
कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जब जवानों ने छुट्टी नहीं मिलने पर अन्य कार्य के चलते अपने साथ में अवसर पर हमले कर दिए हैं। सेनानी के अनुसार, जवानों में बढ़ते तनाव से निपटने के लिए मानसिक देखभाल कार्यक्रम लागू किया गया है।