हरियाणा में किसानों के हित में बड़ा फैसला, इन किसानों को मिलेगा भारी मुआवजा: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार पूरे हरियाणा में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसमिशन लाइनों की स्थापना में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस संबंध में, ऊर्जा विभाग ने राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और ट्रांसमिशन परियोजनाओं से प्रभावित भूमि मालिकों को उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए एक नई मुआवजा नीति शुरू की है।
इस पहल का उद्देश्य भूमि मालिकों, विशेषकर किसानों और ट्रांसमिशन उपयोगिताओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करना है।
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड की ट्रांसमिशन लाइनों की स्थापना के दौरान, भूमि मालिकों, विशेषकर किसानों और लाइन निर्माण इकाई के बीच गतिरोध पैदा हो गया है, जिसके कारण इस महत्वपूर्ण और बुनियादी निर्माण में देरी हो रही है।
इस नीति के कार्यान्वयन से अब बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी आएगी। ज्ञात हो कि हरियाणा सरकार ने एफ. नं. 100 के तहत ट्रांसमिशन लाइनों के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) के मुआवजे के लिए भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इस नीति को मंजूरी दी है।
नई नीति में किए गए प्रावधान
जहां ट्रांसमिशन टावर स्थापित हैं, वहां भूमि अधिग्रहण के बिना टावर बेस क्षेत्र के लिए भूमि मूल्य का 200 प्रतिशत की दर से मुआवजा दिया जाएगा। इसके विपरीत, पिछली नीति में टावर बेस क्षेत्र के लिए भूमि मूल्य का 100 प्रतिशत की दर से मुआवजा तय किया गया था।
ट्रांसमिशन लाइन कॉरिडोर के लिए भूमि मूल्य का 30 प्रतिशत की दर से राइट ऑफ वे कॉरिडोर के लिए मुआवजे का प्रावधान है। इसके विपरीत, पिछली नीति में राइट ऑफ वे कॉरिडोर के लिए मुआवजे को शामिल नहीं किया गया था।
मुख्यमंत्री ने लिया किसानों के हित में बड़ा फैसला
ट्रांसमिशन लाइनों में उपयोग हुई जमीनों के लिए भू-स्वामियों को दिया जाएगा उचित मुआवजा
हरियाणा सरकार ने नई नीति को दी मंजूरी pic.twitter.com/HVsg8WuESD
— CMO Haryana (@cmohry) July 9, 2024
किसानों को फसलों के लिए पिछली नीति के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की दरें भूमि के सर्किल रेट या कलेक्टर रेट के आधार पर निर्धारित की जाएंगी।
इसके अलावा, जिला स्तर पर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, जिला राजस्व अधिकारी और अधीक्षण अभियंता (एचवीपीएनएल) की एक ‘उपयोगकर्ता समिति’ का गठन किया गया है, जो मुआवजे की गणना के लिए भूमि दर निर्धारित करेगी, जहां भूमि की बाजार दर सर्कल/कलेक्टर दर से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नई नीति से किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में काफी वृद्धि होगी और इसका उद्देश्य प्रभावित भूमि मालिकों को उचित मुआवजा सुनिश्चित करते हुए ट्रांसमिशन लाइनों के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करना है। इस पहल से राज्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलने और इसके बहुमुखी विकास में योगदान मिलने की उम्मीद है।