फव्वारा संयंत्र योजना 2024: सिंचाई की विभिन्न विधियों (फव्वारा सिचाई) में एक ऐसी तकनीक है जिसे अपनाकर जल प्रबंधन के लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। सिंचाई की उन्नत एवं आधुनिक विधि है।
इस विधि में सिचाई क्यारियों में न करके पाइपों और आधारों के माध्यम से वर्षा के रूप में बताया जाता है।
इस पद्धति में प्लास्टिक या एल्यूमिनियम पाइपों का क्षेत्र में जल प्लांक ऊँचे- ढलान, रेतीली, पहाड़ी और पथरीली किसी भी प्रकार की भूमि में सहजता से सींचा जा सकता है।
यह जल संरक्षण विधि जल संरक्षण के साथ-साथ अपरदन निषेध तथा भू-संरक्षण में भी सहायक है।क्योंकि इस विधि से जल संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण को बाहर नहीं किया जाता है।
इसकी अतिरिक्त क्यारी विधि की तुलना में फव्वारा चयन विधि कई प्रकार से लाभकारी है।
सिंचाई पानी की 50-55 प्रतिशत बचत कर इसके कुशल उपयोग द्वारा उत्पादन में वृद्धि करना।
अनुदान
- सामान्य कृषकों को 70 प्रतिशत एवं लघु सीमान्त अ.जा/अ.ज.जा./ महिला कृषकों को 75 प्रतिशत अनुदान देय है।
- अधिकतम 5 हैक्टेयर क्षेत्रफल तक अनुदान देय है।
योग्यता
कृषक के पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर सिंचित कृषि कार्य योग्य भूमि हो।
आवेदन प्रक्रिया
- ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकेगा।
- कृषक के पास आपूर्तिकर्ता चयन का अधिकार
- आवश्यक दस्तावेज जमाबन्दी नकल (6 माह से अधिक पुराने नहीं हो), आधार कार्ड/जनाधार कार्ड, सिंचाई स्त्रोत प्रमाण पत्र, आपूर्तिकर्ता का कोटेशन।
महत्वपूर्ण बिंदु
- फव्वारा संयंत्र पर कृषक ने जिस वित्तीय वर्ष में आवेदन किया हो उसी वित्तीय वर्ष के सयंत्र क्रय बिल होने के स्थिति में पात्र कृषको को अनुदान देय होगा
- भौतिक सत्यापन में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार फव्वारा संयंत्र सही पाये जानें पर अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में।
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